UPSC SUCCESS STORIES

Success Story of 1st Rank IAS Topper 2020 Shubham Kumar

  • Son of Devanad Singh and Punam Devi of Kumhari village under Kadwa, one of the worst floods affected blocks of Bihar, Shubham had started his primary education in his native village Kumhari and later got admitted at Vidya Vihar Residential School, Parora in Purnia and cleared his tenth in 2012.

Shubham Kumar UPSC topper

  • Katihar boy Shubham Kumar made his district as well as his state proud by topping the most coveted Union Public Service Commission (UPSC) exam, 2020.  B.Tech in civil engineering from IIT Bombay, this exam was Subham’s third attempt. 
  • Later he went to Chinmaya Vidyalaya Bokaro, in Jharkhand and did his XII in 2014.
  • He cleared IIT with 219th rank and got admission in IIT Bombay and was passed in B.Tech with flying colours.
  • He chose anthropology as his optional subject in the UPSC exam.
  • The 24-year-old Shubham Kumar from Bihar started his UPSC preparation in 2018.
  • Shubham Kumar is currently undergoing training at the Indian Defense Accounts Services in Pune. Shubham secured got 290th rank in the UPSC exam last year and was selected for Indian Defense Accounts Services.

Shubham Kumar Marksheet 

Shubham Kumar UPSC CSE 2020 RANK 1 MARKSHEET - nalanda ias

 

Lok Sabha Speaker Om Birla’s Daughter Anjali Birla Selected for Civil Services  

  • Anjali, who studied political science (honours) from Ramjas College here, qualified the civil services examination 2019 in her first attempt.
  • Lok Sabha Speaker Om Birla’s daughter Anjali has been selected for civil services by the Union Public Service Commission (UPSC) which has released a list of 89 candidates on its reserve list. 

Anjali Birla: Lok Sabha Speaker's Daughter Selected For Civil Services

  • The reserve list of UPSC is not reservation quota list, it is like a second merit list, or like a waiting list.
  • The result of the 2019 civil services examination was declared on August 4, 2020, recommending 829 candidates in order of merit for appointment to IAS, IFS, IPS, and other Group ”A” and Group ”B” central services against 927 vacancies.
  • The commission had on Monday recommended 89 candidates, including Anjali, for different civil services from its reserve list drawn on the basis of the 2019 civil services examination.

 

Ummul Kher (Disabled UPSC 2016 Rank Holder)

UPSC Topper Ummul Kher:   

  • Reading Ummul Kher’s IAS success story will be an eye-opener for many.
  • Ummul is suffering from the fragile bone disorder since childhood. Her parents disowned her when she said she wants to study further after class 8th.
  • She got All India Rank 420 in the UPSC 2016 exams. She hoped for getting IAS under disability quota. She secured 1,001 marks in the exam.
  • She has got 16 fractures and 8 surgeries until now, due to her disease.

 

“Hard things are put in our way, not to stop us,

but to call out our courage and strength.”

  • Family came to Delhi from Rajasthan when she was 5 years old, they used to live in a slum near Hazrat Nizamuddin where his father used to sell clothes on street.
  • After she completed her 8th class, her parents forced her to stop studying as she was a girl. Ummul left home and started living in a Jhopri in Trilokpuri, Delhi. She used to earn money from tuitions. Ummul used to teach kids of slums and earn her livelihood
  • Her schooling was backed by her school, Amar Jyoti Charitable Trust. She secured 91% in class 12th. In 2012, Ummul met with a minor accident which made her confined to a wheelchair for a year due to her bone disorder disease. In 2013, she cracked Junior Research Fellowship (JRF) which got her 25,000 INR per month scholarship.

Ummul Kher’s story is truly inspirational for IAS aspirants as it shows what determination and a steel resolve are capable of achieving despite all odds stacked against them.

Ummul Kher’s final marks are mentioned below:

Written Total – 795 

Interview – 206

Final Total – 1001

Rank: 420

CSE: 2016

Attempt: First

 

 

रिक्शा चालक के बेटे को था कुछ कर द‍िखाने का जुनून, पहली बार में Crack किया IAS Exam:

जानिए 2006 बैच के आईएएस ऑफिसर गोविंद जायसवाल के संघर्ष की कहानी जो तमाम अभावों के बीच आगे बढ़ने की राह दिखाती है…

‘तुम्हारी हिम्मत कैसे हो गई मेरे बेटे के साथ के खेलने की. तुम्हें नहीं पता कि तुम क्या हो और कहां से आते हो? पढ़-लिखकर ज्यादा से ज्यादा अपने पिता का काम करके थोड़ा पैसा कमा लोगे, तुम कितना भी पढ़ लोगे रहोगे तो रिक्शा ही चलाने वाले’ ये कुछ ऐसे शब्द थे जिसे सुनकर-सुनकर गोविंद जायसवाल बड़े हुए थे

 “हिदायत मिली लोगों से मुझे रुक जाने की

पर मैं बहरा बन कर बस चलता चला गया”

अपने लिए ऐसे शब्द सुनकर वह हमेशा यही सोचते थे कि कैसे वह ऐसा क्या करें कि लोग उनकी इज्जत करना शुरू कर दें. उन्होंने इज्जत पाने के लिए पढ़ाई को चुना क्योंकि वह जानते थे कि पढ़ाई के अलावा कोई भी दूसरी चीज उन्हें इन शब्दों से छुटकारा नहीं दिला सकती है.

“जो काम दुनिया को नामुमकिन लगे

वही मौका होता है इतिहास रचने का “

कौन हैं गोविंद जायसवल

  • अपने पहले ही प्रयास में गोविंद जायसवाल ने 2006 की IAS परीक्षा में 48 वां रैंक हासिल किया था.
  • गोविंद के पिता नारायण जायसवाल पढ़े-लिखे नहीं हैं और रिक्शा चलाते हैं. वह सही से सुन भी नहीं पाते हैं. बेटे के IAS बनने के सपने को सिर्फ खेत बेचकर ही पूरा किया जा सकता था.
  • उनके पिता ने खेत तो बेच दिया गोविंद को दिल्ली भेजने के लिए लेकिन फिर भी पढ़ाई का पूरा खर्चा नहीं चल पाता था.
  • गोविंद ने अपना खर्चा चलाने के लिए बच्चों को गणित की ट्यूशन पढ़ाना शुरू की. परीक्षा की तैयारी के दौरान गोविंद लगातार 14-16 घंटे पढ़ाई करते थे और पैसा बचाने के लिए कई बार खाना भी नहीं खाते थे.

बुरे दिन सिखाते हैं सबक

  • अपने संघर्ष के बारे में वह बताते हैं, ‘मेरी परिस्थतियां ऐसी थीं कि सिविल सर्विस की तैयारी के अलावा मेरे पास कोई चारा नहीं था.  न ही मेरे पास काफी रुपये थे जिससे मैं बिजनेस शुरू कर सकूं. मैं इस स्थिति में यही कर सकता था कि खूब पढ़ाई करूं.
  • रिजल्ट आने से पहले कई दिनों तक उनके पिता चिंता के कारण सो नहीं पाए थे. जब रिजल्ट आया तो सबकी आखों में आंसू आ गए थे. गोविंद अपने सफलता का श्रेय अपने पिता और अपनी बहनों को देते हैं. खासकर के उस बड़ी बहन को जिसने मां की मौत के बाद घर वालों की देखभाल के लिए अपनी पढ़ाई तक छोड़ दी थी.
  • अपने संघर्ष के दिनों के बारे में उनका कहना है कि अगर वो बुरे दिन नहीं होते तो वह सफलता और जिंदगी का मतलब कभी समझ नहीं पाते.

“खुद को इतना ज़िद्दी बना लो की

मुश्लिलें खुद शर्मिंदा हो जाए “

 

Pradeep Singh UPSC  topper 2019

Pradeep Singh, son of a farmer and former village head of Tewri village in Sonipat district of Haryana, secured the first position in the examination. 

 

कविताएं लेखन व सामान्य विज्ञान में रुचि रखने वाले प्रदीप को आखिरी प्रयास में मिली सफलता.

यूपीएससी टॉपर प्रदीप सिंह बताते हैं कि उनको कविताएं लिखना व सामान्य विज्ञान में रुचि है। वह कुछ समय कविता लेखन व सामान्य विज्ञान में बिताते थे। वहीं प्रदीप बताते हैं कि कई बार उनको लगता था कि उनका यह आखिरी प्रयास है और वह इस प्रयास में सफलता हासिल नहीं कर सके तो अपने पिता का सपना पूरा नहीं कर सकेंगे। इस तरह कई बार मायूसी भी होती थी तो वह कविता लेखन करने लगते थे या सामान्य विज्ञान पढ़ते है। इस तरह से मायूसी दूर होते ही दोबारा स्लेबस में जुट जाते थे।

” कोई भी लक्ष्य मनुष्य के साहस से बड़ा नही ” हारा वही हैं जो लड़ा नही “

2017 में सोनीपत की अनु कुमारी को मिला था दूसरा स्थान

सोनीपत के नाम पहले भी एक बड़ी उपलब्धि रही हैं। जिले के कई विद्यार्थी पिछले कुछ साल से लगातार यूपीएसी की परीक्षा उत्तीर्ण कर रहे हैं। यहां की रहने वाली अनु कुमारी ने वर्ष 2017 में देशभर में दूसरा स्थान प्राप्त किया था और महिलाओं में वह पहले स्थान पर रही थीं। अनु कुमारी ने यह उपलब्धि उस समय हासिल की थी, जब उनकी शादी हो चुकी थी और वह परिवार की जिम्मेदारी निभाने के साथ ही नौकरी करते हुए देश में दूसरे स्थान पर रही थीं।

विकल्प “ बहुत मिलेंगे मार्ग भटकने के लिए

लेकिन “संकल्प 

एक ही काफी हैं लक्ष्य तक जाने के लिए।

अपने लक्ष्य को निर्धारित करना

उसे हासिल करने का पहला कदम हैं।

 

Vishakha Yadav IAS Topper 2019

यूपीएससी सिविल सर्विस परीक्षा 2019 का रिजल्ट 4 अगस्त, मंगलवार को घोषित किया गया। यूपीएससी परीक्षा 2019 में प्रदीप सिंह ने टॉप किया है। मंगलवार को घोषित IAS और IPS, संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) सहित कुल 829 उम्मीदवारों ने सिविल सेवाओं के लिए योग्यता प्राप्त की है। प्रदीप सिंह, जतिन किशोर और प्रतिभा वर्मा ने क्रमश: पहला, दूसरा और तीसरा स्थान हासिल किया। वहीं दिल्ली की विशाखा यादव छठा स्थान प्राप्त हुआ है। यह परिणाम आने के बाद विशाखा के परिवार को काखी बधाइयां मिल रही है। विशाखा के पिता जी का नाम राजकुमार यादव है। वह द्वारका थाने में एएसआई की पोस्ट पर तैनात है। विशाखा के बारे में जाने के बाद द्वारका के डीसीपी ने अपने दफ्तर में बुला कर सम्मानित किया और उन्हें भविष्य के लिए शुभकामनाएं भी दी।

विशाखा ने बताया कि उसने डीटीयू से बीटेक किया हुआ है। बीटेक करने के बाद बैंगलोर में उनसे 2 साल तक नौकरी की है। उसके बाद सिविल सर्विस तैयारी करने के लिए उसने बीटेक की नौकरी छोड़ दी और सिविल की तैयारी के लिए कड़ी मेहनत करने लगी।

विशाखा ने यह सफलता तीसरी बार में प्राप्त की है। विशाखा यादव अपनी जिंदगी में दो लोगों से प्रेरित है या यूं कह लो दो लोगों को अपना आदर्श मानती है। पहले तो उनके खुद के पिता जी है। विशाखा ने बताया कि मेरे पिता जी पुलिस की नौकरी में कड़ी मेहनत करने से मुझे प्रेरणा मिली है।

परीक्षा में अच्छा स्कोर करने के लिए प्रतिदिन 10 घंटे पढ़ाई करती थीं।

वहीं दूसरे पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइल मैन एपीजे अब्दुल कलाम को भी अपना आदर्श मानती है। उनके पिता राजकुमार यादव ने बताया कि विशाखा ने यह मुकाम तीसरी बारी में पाया है। पहली-दूसरी बारी में वह ढंग से पढ़ नहीं पाई थी और फिर पूरा पूरा दिन लाइब्रेरी में जाकर पढ़ती रहती थी घर भी वह रात को ही आती थी। इस तरह उसे कड़ी मेहनत करने के बाद सफलता पाई है।

दिल्ली पुलिस कमिश्नर एस एन श्रीवास्तव ने भी दिल्ली पुलिस परिवार से यूपीएससी रैंक धारकों को बधाई दी। यह बताते हुए बहुत खुशी हुई कि कम से कम 5 सफल सिविल सेवा आकांक्षी दिल्ली पुलिस परिवार से आते हैं। विशाखा D/O एएसआई राजकुमार (6 रैंक), नवनीत D/O इंस्पेक्टर मनन (33), एसीपी नताशा (37), एसीपी गरिमा (459), सीटी फिरोज (645) को हार्दिक बधाई।

“जल्दी जागना हमेशा फायदेमंद होता हैं

फिर चाहे वो

“अपनी नींद से हो “ “अहम से हो ” “वहम से हो “

या फिर

सोएं हुए जमीर से। “

तकदीर बदल जाती हैं अगर जिन्दगी का कोई मकसद हो

वरना जिन्दगी तो

कट ही जाती हैं

तकदीर को इल्जाम देते -देते।”

 

IAS Topper 2018 – AIR 5 – Srushti Deshmukh

देशमुख (Srushti jayant deshmukh) ने यूपीएससी सिविल सर्विसेज की परीक्षा में देशभर में 5वां स्थान हासिल किया है.

मैंने खुद रोज 6-7 घंटे पढ़ाई की और जैसै-जैसे परीक्षा का समय नजदीक आया मैने पूरा ध्यान पढ़ाई पर केंद्रित किया. लेकिन मैं आपको कहूंगी कि ज्यादा घंटे पढ़ने से कुछ नहीं होता. अच्छी तैयारी के लिए आपको मन लगाकर पढ़ना होगा. साथ ही आपको जरूरी विषयों पर ध्यान देना होगा.

क्या आप यूपीएससी की तैयारी के समय सोशल मीडिया पर थीं?

यूपीएससी की तैयारी के समय मैंने सभी सोशल मीडिया अकाउंट डिएक्टीवेट कर दिए थे. मैं सोशल मीडिया से दूर रही लेकिन मैंने तैयारी के लिए इंटरनेट की मदद ली.

इंटरनेट तैयारी के लिए कितने काम का है?

मैंने इंटरनेट से तैयारी की. मुझे ऑनलाइन टेस्ट सीरीज से काफी मदद मिली.

CSAT की तैयारी में कितना समय दिया?

मैं इंजीनियरिंग बैकग्राउड से हूं. मैंने सीसेट की तैयारी के लिए पिछले 3-4 साल के Question Papers से मदद ली थी.

आपकी रुचियां क्या क्या हैं?

मुझे गाने सुनना पसंद है. मैं रोज योगा और मेडिटेशन भी करती हूं.

आप अपनी सफलता का क्रेडिट किसे देंगी?

मेरा बचपन से ही आईएएस बनने का सपना था. बहुत से लोग हैं जिन्होंने मुझे मोटिवेट किया. खास कर मेरे माता पिता जिन्होंने हमेशा मेरा साथ दिया और सही मार्गदर्शन दिया.

UPSC में 5वीं रैंक हासिल करने वाली सृष्टि जयंत देशमुख के बारे में

सृष्टि जयंत देशमुख भोपाल की रहने वाली हैं.

उन्होंने साल 2018 में भोपाल के राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से केमिकल इंजीनियरिंग में बीटेक किया था.

उनके पिता पेशे से इंजीनियर हैं.

उनकी माता एक शिक्षिका हैं.

सृष्टि का एक भाई है जो सातवीं में पढ़ता है.

खास बात ये है कि सृष्टि ने 23 साल की उम्र में यूपीएससी निकाला है.

Source: IAS Coaching

“अपने लक्ष्य को हमेशा ऊंचा रखो “

और तब तक मत रुको

जब तक आप इसे हासिल नहीं कर लेते ।”