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IMPORTANT CURRENT AFFAIRS NOTES

 

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Hindi Medium – Current Affairs August 2022 – Part-I -H

Hindi Medium – Current Affairs August 2022 – Part-II -H

आठ प्रमुख उद्योगों का सूचकांक

भारत के कोयला क्षेत्र की हरित पहल

प्रमुख बिंदु

‘रंग स्वाधीनता’

प्रमुख बिंदु:

राष्ट्रीय खेल दिवस

प्रमुख बिंदु

उद्देश्य:

मेजर ध्यानचंद के बारे मे:

वीरांगना पन्ना धाय

प्रमुक बिन्दु:

पन्ना धाय के बारे मे:

उदय सिंह के बारे मे:

भारत-अमेरिका के विशेष बलों के संयुक्त अभ्यास

मुख्य बिन्दु:

प्रधानमंत्री जन-धन योजना

पीएमजेडीवाई की 8वीं वर्षगांठ

पृष्ठभूमि

उद्देश्य:

इस योजना के मूल सिद्धांत

प्रारंभिक विशेषताएं

पीएमजेडीवाई में अपनाए गए महत्वपूर्ण दृष्टिकोण:

नई सुविधाओं के साथ पीएमजेडीवाई का विस्तार

ओवरड्राफ्ट सुविधाओं में वृद्धि

पीएमजेडीवाई का प्रभाव

राष्ट्रीय कैंसर ग्रिड (एनसीजी)

कोइता फाउंडेशन के बारे में

स्मार्ट इंडिया हैकथॉन

स्मार्ट इंडिया हैकथॉन के बारे मे

लक्ष्य:

स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन (SIH) 2022

आईएनएस विक्रांत

विशेष ग्रेड स्टील का इस्तेमाल

पद्म पुरस्कार-2023 के लिए नामांकन

पद्म पुरस्कार

चाबहार बंदरगाह

चाबहार बंदरगाह के बारे मे

बंदरगाह का महत्त्व:

पेगासस

पेगासस क्या है?

लक्ष्य

पेगासस द्वारा निर्मित दोष

भारत में जासूसी: एक वैधता जांच

भारत में साइबर सुरक्षा सुरक्षा उपाय

मुद्दे पर एनएसओ का स्टैंड

विश्व नारियल दिवस

आठ प्रमुख उद्योगों का सूचकांक

  • आठ प्रमुख उद्योगों का संयुक्त सूचकांक जुलाई 2021 के सूचकांक की तुलना में 5 प्रतिशत (अनंतिम) बढ़ा।
  • कोयला, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, बिजली और सीमेंट उद्योगों का उत्पादन जुलाई 2022 में पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में बढ़ा है।
  • आईसीआई चयनित आठ प्रमुख उद्योगों में उत्पादन के संयुक्त और व्यक्तिगत प्रदर्शन को मापता है जिसमें कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली आदि शामिल हैं।
  • आठ प्रमुख उद्योगों में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में शामिल मदों के भारांक का 27 प्रतिशत शामिल रहता है।

भारत के कोयला क्षेत्र की हरित पहल

  • कोयला मंत्रालय ने कोयला कंपनियों के लिए वर्ष 2022-23 के दौरान 50 लाख से अधिक पौधों के रोपण के माध्यम से कोयला क्षेत्रों में और इसके आसपास के क्षेत्रों में 2400 हेक्टेयर से अधिक क्षेत्र को हरित आवरण (ग्रीन कवर) के तहत लाने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया है।

प्रमुख बिंदु:

  • चिन्हित क्षेत्रों में कोयला कंपनियों के पुनः प्राप्त खनन क्षेत्र और पट्टे से बाहर के क्षेत्र शामिल हैं, जो पौधरोपण के लिए उपयुक्त हैं तथा राज्य सरकार की एजेंसियों द्वारा उपलब्ध कराये गए हैं।
  • वर्त्तमान में, कोयला खनन क्षेत्रों में हरित अभियान जोर-शोर से चल रहे हैं और 15 अगस्त, 2022 तक लगभग 1000 हेक्टेयर भूमि को बांस रोपण, वन क्षेत्र के बाहर सघन वृक्षारोपण, सड़क के दोनों ओर वृक्षारोपण, घास के मैदान का निर्माण और उच्च तकनीक खेती आदि के माध्यम से कवर किया जा चुका है।
  • अब तक हासिल की गई उपलब्धियों के साथ, कोयला कंपनियों को इस साल के हरित लक्ष्य को पार करने का पूरा भरोसा है।
  • कोयला क्षेत्र की उपर्युक्त हरित पहल, 2030 तक अतिरिक्त वन और वृक्ष आवरण के माध्यम से 5 से 3 बिलियन टन कार्बन डाइऑक्साइड के बराबर अतिरिक्त कार्बन सिंक बनाने की भारत की एनडीसी प्रतिबद्धता का समर्थन करती है
  • कोयला उद्योग, विकास के एक सतत प्रारूप को बढ़ावा देने का प्रयास करता है, जिसमें कोयला उत्पादन; पर्यावरण की रक्षा, प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण, समाज की देखभाल और हमारे वनों और वन्यजीवों की रक्षा के उपाय आदि के सामंजस्य में होता है।

 

  • कोयला कंपनियों ने वैश्विक ऊर्जा संकट के वर्तमान समय में न केवल देश की बढ़ती ऊर्जा मांग को प्रभावी ढंग से पूरा किया है, बल्कि कोयला खनिज संपन्न क्षेत्रों में; इसके आसपास के क्षेत्रों में तथा कोयला निकालने के बाद के बचे क्षेत्रों में व्यापक वृक्षारोपण समेत विभिन्न शमन उपायों को अपनाकर पर्यावरण के प्रति अपनी संवेदनशीलता और सतर्कता का प्रदर्शन किया है।
  • वनरोपण मानवजनित गतिविधियों से क्षतिग्रस्त भूमि को फिर से उपयुक्त बनाने का एक प्रामाणिक तरीका है और यह खनन कार्य समाप्त हो चुके क्षेत्र के संतोषजनक पुनर्वास को प्राप्त करने के लिए आवश्यक है।
 

·        यह कोयला खनन के असर को कम करने में मदद करता है, मिट्टी के कटाव को रोकता है, जलवायु को स्थिर करता है, वन्य जीवन को संरक्षित करता है और वायु एवं जल की गुणवत्ता को बढ़ाता है। वैश्विक स्तर पर, यह कार्बन की मात्रा में कमी लाने के माध्यम से जलवायु परिवर्तन की गति को कम करता है और इसके परिणामस्वरूप क्षेत्र का आर्थिक विकास भी होता है।

 

  • भारतीय कोयला उद्योग का लक्ष्य अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों की मांग को पूरा करने के लिए कोयले की उपलब्धता सुनिश्चित करना और पर्यावरण पर खनन के प्रभाव को कम करते हुए स्थानीय निवासियों के लिए जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है।

‘रंग स्वाधीनता’

  • भारत की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में संगीत नाटक अकादमी ने ‘रंग स्वाधीनता’ का आयोजन किया, जो भारत को साम्राज्यवाद की बेड़ियों से मुक्त करने के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों की स्‍मृतियों को संजोने का उत्‍सव था।

प्रमुख बिंदु:

  • यह उत्सव 27 से 29 अगस्त, 2022 तक मेघदूत सभागार में आयोजित किया गया था।
  • ‘रंग स्वाधीनता’ में देश भर की लोक संगीत परंपराओं को प्रस्‍तुत किया जाता
  • आल्हा गायन, जिसे आमतौर पर मानसून के समापन पर प्रस्‍तुत किया जाता है
  • हर ढिमरयाई नर्तकी आमतौर पर हाथ में सारंगी लेकर उसे बजाती है, जिसका साथ अन्य संगीतकार भी देते हैं। ढिमरयाई गीत धार्मिक, पौराणिक, सामाजिक और देशभक्ति विषयों पर आधारित होते हैं।
  • पांडवों का कड़ा’ की उत्पत्ति संभवत: 17वीं शताब्दी के मेवात में हुई थी, जो आमतौर पर महाभारत के प्रसंगों पर केंद्रित है।
  • ओग्गुकथा शब्‍द दरअसल ओगु‘ , जिसका अर्थ है एक डमरूकम (पेलेट ड्रम), और कथा‘, जिसका अर्थ है किस्से, को आपस में जोड़कर बनाया गया है। वैसे तो ओग्गुकथा आमतौर पर मिथकों और देवताओं पर केंद्रित होती है
  • पंजाब की ढाडी गायन परंपरा की शुरुआत गुरु हरगोबिंद ने युद्ध के मैदान में शस्त्र हाथ में उठाए वीरों के बीच बहादुरी को प्रेरित करने के लिए की थी।
  • दास्तानगोई फारसी शब्दों ‘दास्तान’, जिसका अर्थ है एक लंबी कहानी, और ‘गोई’, जिसका अर्थ है वर्णन करना, का एक संयोजन है।
  • पोवाड़ा महाराष्ट्र में लोकप्रिय गाथागीत गायन की एक समृद्ध पारंपरिक शैली है। पोवाड़ा गायन ने क्षेत्र के सामाजिक-सांस्कृतिक और राजनीतिक विकास में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इसकी उत्पत्ति छत्रपति शिवाजी महाराज के समय से मानी जाती है।
  • चंदन तिवारी और उनके साथी कलाकारों ने बिहार के लोकगीतों से दर्शकों के मन में अपने देश का मान बढ़ा दिया। उन्होंने रघुवीर नारायण के बटोहिया से शुरुआत की और कुंवर सिंह के बलिदान के बारे में गायन प्रस्‍तुत किया, जिसका समापन गांधी पर आधारित एक कजरी और चरखागीत के साथ हुआ। चंदन तिवारी को उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार से नवाजा गया है, और भोजपुरी, मगधी, मैथिली, नागपुरी, अवधी और हिंदी जैसी विभिन्न भाषाओं में लोक गीत गाने के लिए वे अत्‍यंत लो‍कप्रिय हैं।

राष्ट्रीय खेल दिवस

  • राष्ट्रीय खेल दिवस को भारत में प्रत्येक वर्ष 29 अगस्त को हॉकी के महान खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद को श्रद्धांजलि अर्पित करने के रूप में आयोजित किया जाता है, जिनका जन्म वर्ष 1905 में इसी तारीख को हुआ था।

प्रमुख बिंदु:

  • इस दिन को पहली बार वर्ष 2012 में भारत के राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में नामित कर मनाया गया।
  • यह दिवस देश महान खिलाडियों को सम्मान स्वरुप याद करने के उद्देश्य से मनाया जाता है।
  • देश के राष्ट्रपति इस अवसर पर मेजर ध्यानचंद खेल रत्न पुरस्कार, अर्जुन पुरस्कार, द्रोणाचार्य पुरस्कार और ध्यानचंद पुरस्कार जैसे खेल पुरस्कार प्रदान करते हैं।

उद्देश्य:

  • राष्ट्रीय खेल दिवस का प्राथमिक उद्देश्य खेल के महत्त्व के बारे में जागरूकता को बढ़ावा देना और दैनिक जीवन में शारीरिक रूप से सक्रिय रहना है।
  • भारत सरकार राष्ट्रीय खेल दिवस के महत्त्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने हेतु विभिन्न कार्यक्रमों और सेमिनारों आदि का आयोजन करती है।

मेजर ध्यानचंद के बारे मे:

  • मेजर ध्यानचंद को ‘हॉकी के जादूगर’ के रूप में जाना जाता है तथा इनका जन्म 29 अगस्त, 1905 को उत्तर प्रदेश के वर्तमान प्रयागराज में हुआ था।
  • इन्होंने ओलंपिक खेलों में सेंटर फॉरवर्ड खिलाड़ी की भूमिका में वर्ष 1928 में एम्स्टर्डम, 1932 में लॉस एंजिल्स और 1936 में बर्लिन में स्वर्ण पदक जीता।
  • वह पहली भारतीय विदेशी सेना टीम के सदस्य थे जिसने वर्ष 1926 में न्यूज़ीलैंड का दौरा किया था।
  • मेजर ध्यानचंद ने 1926 से 1948 तक अपने करियर में 400 से अधिक अंतर्राष्ट्रीय गोल किये और अपने पूरे करियर में लगभग 1,000 गोल किये।
  • भारत सरकार ने वर्ष 2012 में ऐसे महान खिलाड़ी को श्रद्धांजलि देने के लिये उनके जन्मदिन को राष्ट्रीय खेल दिवस के रूप में मनाने का फैसला किया।
  • इस मान्यता से पहले, उन्हें भारत सरकार द्वारा वर्ष 1956 में भारत के तीसरे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्म भूषण पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
  • उन्होंने 3 दिसंबर, 1979 को दिल्ली में कोमा में जाने के बाद अंतिम सांस ली।

वीरांगना पन्ना धाय

  • अभी हाल मे ही रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने राजस्थान के उदयपुर में पन्ना धाय की मूर्ति का अनावरण किया.
  • इसके साथ ही महाराणा उदय सिंह और चंदन की प्रतिमा भी है.

प्रमुक बिन्दु:

  • उदयपुर के गोवर्धन विलास के पन्ना धाय पार्क में पन्ना धाय की 6 फीट की प्रतिमा लगी है.
  • जबकि उदयपुर बसाने वाले महाराणा उदय सिंह की प्रतिमा 6 फीट की है. इसके साथ ही मेवाड़ के लिए बलिदान हुए चंदन की मूर्ति 4.11 इंच की है.
  • इन मूर्तियों को बनाने पर 13 लाख रुपए खर्च हुए हैं. जबकि इसका वजन 113 किलोग्राम है.

पन्ना धाय के बारे मे:

  • पन्ना धाय का का जन्म 8 मार्च 1490 को चितौड़गढ़ के गांव माताजी की पांडोली में हुआ था.
  • पन्ना धाय का असली नाम पन्ना गुजरी था. वो गुर्जर समुदाय से थीं.
  • जब चितौड़गढ़ के किले में आंतरिक साजिश चल रही थी. मेवाड़ का राणा उदय सिंह किशोर था. इसी बीच उदय सिंह के चचेरे चाचा बनवीर ने साजिश रची और महाराजा विक्रमादित्य सिंह की हत्या कर दी.
  • उदय सिंह को भी मारने के लिए महल की तरफ चल पड़ा. जब इसकी भनक पन्ना धाय को लगी तो उन्होंने बांस की टोकरी में उदय सिंह को सुलाकर महल से बाहर ले गई.
  • पन्ना धाय न बनवीर को धोखा देने के लिए अपने बेटे को उदय सिंह के पलंग पर सुला दिया. जब बनवीर महल में आया और उसने उदय सिंह के बारे में पूछा तो पन्ना धाय ने उस पलंग की तरफ इशारा किया, जिसपर उनका खुद का बेटा सोया था.
  • बनवीर ने पन्ना धाय के बेटे को उदय सिंह समझकर मार डाला. इसके बाद पन्ना धाय ने उदय सिंह को सुरक्षित जगह पहुंचाया. इस तरह से पन्ना धाय ने मेवाड़ राजवंश को बचाया.
  • उदय सिंह को लेकर पन्ना धाय जगह-जगह भटकती रहीं. आखिरकार कुलंभलगढ़ में उनको शरण मिली.
  • उदय सिंह किलेदार का भांजा बनकर रहने लगे. 13 साल की उम्र में मेवाड़ी उमरावों ने उदय सिंह को राजा स्वीकार कर लिया और उनका राज्याभिषेक कर दिया.
  • उदय सिंह साल 1542 में मेवाड़ के वैधानिक महाराणा बन गए. उदय सिंह ने बनवीर को हराकर मेवाड़ के महाराणा बने थे.
  • उदय सिंह के बड़े बेटे का नाम महाराणा प्रताप था.

उदय सिंह के बारे मे:

  • उदय सिंह का जन्म चितौड़गढ़ में साल 1522 में हुआ था.
  • उदय सिंह के पिता महाराणा सांगा के निधन के बाद रतन सिंह द्वितीय शासक बनाया गया.
  • साल 1534 में गुजरात के बहादुर शाह ने चितौड़गढ़ पर हमला कर दिया. इस कारण उदय सिंह को सुरक्षित रखने के लिए बूंदी भेज दिया गया.
  • महाराणा सांगा की महारानी कर्मवती से दो बेटे थे. जिनका नाम विक्रमादित्य और उदय सिंह था. बनवीर ने मेवाड़ पर कब्जा करने की नियत से विक्रमादित्य की हत्या कर दी और उदय सिंह को भी मारने की कोशिश की. लेकिन पन्ना धाय ने उदय सिंह को बचा लिया.

भारत-अमेरिका के विशेष बलों के संयुक्त अभ्यास

  • भारत- अमेरिका संयुक्त विशेष बल अभ्यास वज्र प्रहार- 2022 का 13वां संस्करण 28 अगस्त, 2022 को बकलोह (हिमाचल प्रदेश) में संपन्न हुआ।
  • इस वार्षिक अभ्यास का आयोजन बारी-बारी से भारत और अमेरिका में किया जाता है।
  • इससे पहले इसके 12वें संस्करण को अक्टूबर, 2021 में अमेरिका के वाशिंगटन स्थित जॉइंट बेस लुईस मैक कॉर्ड में आयोजित किया गया था।

मुख्य बिन्दु:

  • इस 21 दिवसीय संयुक्त प्रशिक्षण ने दोनों देशों के विशेष बलों को संयुक्त राष्ट्र चार्टर के तहत एक संयुक्त वातावरण में हवाई परिचालन, विशेष संचालन और आतंकवाद विरोधी अभियानों में प्रशिक्षित करने का अवसर प्रदान किया।
  • इस अभ्यास को दो चरणों में आयोजित किया गया।
  • पहले चरण में युद्ध अनुकूलन और सामरिक स्तर के विशेष मिशन प्रशिक्षण अभ्यास शामिल थे।
  • वहीं, दूसरे चरण के तहत पहले चरण में दोनों दलों द्वारा प्राप्त प्रशिक्षण के 48 घंटे के सत्यापन को शामिल किया गया था।
  • दोनों सैन्य टुकड़ियों ने पहाड़ी इलाकों में बनावटी पारंपरिक और अपरंपरागत परिस्थतियों में कृत्रिम परिचालन की एक श्रृंखला का संयुक्त प्रशिक्षण, योजना और निष्पादन कर अपने प्राप्त किए गए मानक और सर्वश्रेष्ठ अभ्यासों को साझा करने को लेकर अभ्यास के परिणामों पर काफी अधिक संतुष्टि व्यक्त की।
  • अमेरिकी विशेष बलों के साथ वज्र प्रहार अभ्यास मौजूदा वैश्विक स्थिति की पृष्ठभूमि में दोनों राष्ट्रों के सामने आने वाली सुरक्षा चुनौतियों को लेकर महत्वपूर्ण है।
  • इस संयुक्त सैन्य अभ्यास ने भारत व अमेरिका के विशेष बलों के बीच मित्रता के पारंपरिक संबंध के साथ-साथ आपसी द्विपक्षीय रक्षा सहयोग को और अधिक मजबूत किया है।

प्रधानमंत्री जन-धन योजना

  • प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 15 अगस्त 2014 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दिए अपने संबोधन में प्रधानमंत्री जन-धन योजना (पीएमजेडीवाई) की घोषणा की थी।
  • 28 अगस्त को इस योजना की शुरुआत करते हुए, प्रधानमंत्री ने इस मौके को गरीबों की एक दुष्चक्र से मुक्ति का उत्सव कहा था।

पीएमजेडीवाई की 8वीं वर्षगांठ

  • पीएमजेडीवाई की 8वीं वर्षगांठ पर केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमन ने कहा कि वित्तीय समावेशन समावेशी विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है
  • जो समाज के हाशिए पर रहने वाले वर्गों के समग्र आर्थिक विकास को सुनिश्चित करता है।
  • 28 अगस्त 2014 से पीएमजेडीवाई की सफलता 46 करोड़ से ज्यादा बैंक खाते खुलने और उसमें 74 लाख करोड़ जमा होने से स्पष्ट पता चलती है।
  • इसका विस्तार 67 फीसदी ग्रामीण या अर्ध-शहरी क्षेत्रों तक हो चुका है और 56 फीसदी जनधन खाताधारक महिलाएं हैं।
  • 2018 से आगे पीएमजेडीवाई के जारी रहने से देश में वित्तीय समावेशन परिदृश्य की उभरती चुनौतियों और आवश्यकताओं को पूरा करने के दृष्टिकोण में उल्लेखनीय बदलाव आया।
  • उन्होंने कहा कि इन खातों के जरिए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) प्रवाह को बढ़ाकर इनके इस्तेमाल पर अतिरिक्त जोर देने के साथ ही, रुपे कार्ड आदि के माध्यम से डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देकर ‘हर घर’ से अब ‘हर वयस्क’ पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

पृष्ठभूमि

प्रधानमंत्री जन-धन योजना (पीएमजेडीवाई) वित्तीय सेवाओं यानी बैंकिंग/बचत और जमा खाते, भेजी गई रकम, जमा, बीमा, पेंशन तक किफायती तरीके से पहुंच सुनिश्चित करने की दिशा में वित्तीय समावेशन का एक राष्ट्रीय मिशन है।

उद्देश्य:

  • सस्ती कीमत पर वित्तीय उत्पादों और सेवाओं तक पहुंच सुनिश्चित करना।
  • लागत कम करने और पहुंच बढ़ाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग।

इस योजना के मूल सिद्धांत

  • बैंकिंग सेवा से वंचित लोगों को जोड़ना – कम से कम कागजी कार्रवाई, केवाईसी में छूट, ई-केवाईसी, कैंप मोड में खाता खोलने, शून्य शेष और शून्य शुल्क के प्रावधान के साथ बुनियादी बचत बैंक जमा (बीएसबीडी) खाता खोलना।

 

  • असुरक्षित को सुरक्षित बनाना- दो लाख रुपये के मुफ्त दुर्घटना बीमा कवरेज के साथ नकद निकासी और मर्चेंट लोकेशन (दुकानों आदि) पर भुगतान के लिए स्वदेशी डेबिट कार्ड जारी करना।
  • गैर-वित्तपोषित लोगों का वित्त पोषण- सूक्ष्म-बीमा, ओवरड्राफ्ट की सुविधा, माइक्रो-पेंशन एवं माइक्रो-क्रेडिट जैसे अन्य वित्तीय उत्पाद।

प्रारंभिक विशेषताएं

यह योजना निम्नलिखित छह स्तंभों पर शुरू की गई थी:

  • बैंकिंग सेवाओं तक सार्वभौमिक पहुंच- शाखा और बीसी।
  • प्रत्येक पात्र वयस्क को 10,000/- रुपये की ओवरड्राफ्ट सुविधा के साथ बुनियादी बचत बैंक खाता।
  • वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम- बचत को बढ़ावा, एटीएम का इस्तेमाल, क्रेडिट के लिए तैयार होने, बीमा एवं पेंशन का लाभ उठाने, बैंकिंग से जुड़े कार्यों के लिए बेसिक मोबाइल फोन के उपयोग को बढ़ावा देना।
  • क्रेडिट गारंटी फंड का निर्माण- बकाया मामले में बैंकों को कुछ गारंटी प्रदान करने के लिए।
  • बीमा- 15 अगस्त 2014 से 31 जनवरी 2015 के बीच खोले गए खातों पर 1,00,000 रुपये तक का दुर्घटना बीमा और 30,000 रुपये का जीवन बीमा।
  • असंगठित क्षेत्र के लिए पेंशन योजना।

पीएमजेडीवाई में अपनाए गए महत्वपूर्ण दृष्टिकोण:

  • ऑफलाइन खाता खोलने की पहले की पद्धति की जगह, खोले गए नए खाते बैंकों की कोर बैंकिंग प्रणाली में ऑनलाइन खाते हैं।
  • रुपे डेबिट कार्ड या आधार सक्षम भुगतान प्रणाली (एईपीएस) के जरिए अंतर-संचालन।
  • फिक्स्ड-प्वाइंट बिजनस करेस्पोंडेंट।
  • केवाईसी से जुड़ी जटिल औपचारिकताओं के स्थान पर सरलीकृत केवाईसी/ई-केवाईसी।

नई सुविधाओं के साथ पीएमजेडीवाई का विस्तार

  • सरकार ने कुछ संशोधनों के साथ व्यापक पीएमजेडीवाई कार्यक्रम को 28 अगस्त 2018 से आगे बढ़ाने का निर्णय लिया।
  • ‘हर परिवार’ से हटकर अब ‘बैंकिंग सेवा से वंचित हर वयस्क’ पर ध्यान।
  • रुपे कार्ड बीमा – 8.2018 के बाद खोले गए पीएमजेडीवाई खातों के लिए रुपे कार्ड पर मुफ्त दुर्घटना बीमा कवर एक लाख रुपये से बढ़ाकर दो लाख रुपये कर दिया गया है।

ओवरड्राफ्ट सुविधाओं में वृद्धि-

  • ओवरड्राफ्ट की सीमा को 5,000/- रुपये से दोगुनी करते हुए 10,000/- रुपये की गई; 2,000/- रुपये तक का ओवरड्राफ्ट बिना शर्तों के मिलेगा।
  • ओवरड्राफ्ट के लिए अधिकतम आयु सीमा को 60 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष किया गया।

पीएमजेडीवाई का प्रभाव

  • पीएमजेडीवाई जन-केंद्रित आर्थिक पहलों की आधारशिला रही है। चाहे वह प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण हो, कोविड-19 वित्तीय सहायता, पीएम-किसान, मनरेगा के तहत बढ़ी हुई मजदूरी, जीवन एवं स्वास्थ्य बीमा कवर हो, इन सभी पहलों का पहला कदम प्रत्येक वयस्क को एक बैंक खाता प्रदान करना है, जिसे पीएमजेडीवाई ने लगभग पूरा कर लिया है।
  • मार्च 2014 से मार्च 2020 के बीच खोले गए दो में से एक खाता पीएमजेडीवाई खाता था। देशव्यापी लॉकडाउन के 10 दिनों के भीतर लगभग 20 करोड़ से अधिक महिला पीएमजेडीवाई खातों में अनुग्रह राशि जमा की गई।
  • जनधन गरीबों को अपनी बचत को औपचारिक वित्तीय प्रणाली में लाने का एक रास्ता प्रदान करता है और उन्हें गांवों में अपने परिवारों को पैसे भेजने के अलावा सूदखोर साहूकारों के चंगुल से बाहर निकालने का एक अवसर प्रदान करता है। पीएमजेडीवाई ने बैंकिंग प्रणाली से वंचित रहे लोगों को बैंकिंग प्रणाली से जोड़ा है, भारत के वित्तीय ढांचे का विस्तार किया है और लगभग हर वयस्क के लिए वित्तीय समावेशन को संभव बनाया है।
  • आज के कोविड-19 के काल में, हमने प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी) को तेजी और सहजता के साथ समाज के कमजोर वर्गों को सशक्त बनाते और वित्तीय सुरक्षा प्रदान करते देखा है। इसका एक महत्वपूर्ण पहलू यह है कि प्रधानमंत्री जन-धन खातों के जरिए डीबीटी ने यह सुनिश्चित किया है कि प्रत्येक रुपया अपने लक्षित लाभार्थी तक पहुंचे और प्रणाली में रिसाव (लीकेज) को रोका जा सके।

राष्ट्रीय कैंसर ग्रिड (एनसीजी)

  • राष्ट्रीय कैंसर ग्रिड (एनसीजी) परमाणु ऊर्जा विभाग और इसके अनुदान सहायता संस्थान, टाटा मेमोरियल सेंटर के माध्यम से देशभर में कैंसर केंद्रों, अनुसंधान संस्थानों, रोगी समूहों और धर्मार्थ (चैरिटेबल) संस्थाओं का एक  ऐसा नेटवर्क बनाने के लिए भारत सरकार की एक पहल है.
  • जिससे कैंसर की रोकथाम, निदान और उपचार के लिए रोगी देखभाल के एक समान मानक विकसित करने के उद्देश्य से ऑन्कोलॉजी में विशेष प्रशिक्षण एवं शिक्षा प्रदान करने तथा  कैंसर में सहयोगी बुनियादी, रूपांतरण एवं नैदानिक ​​अनुसंधान की सुविधा प्रदान की जा सकेगी । एनसीजी के आज पूरे भारत फैले में अपने नेटवर्क में 270 से अधिक अस्पताल हैं।

कोइता फाउंडेशन के बारे में

  • कोइता फाउंडेशन एक गैर-लाभकारी संगठन है जिसके दो फोकस क्षेत्र हैं :
  • गैर–सरकारी संगठनों (एनजीओ) का रूपान्तरण (ट्रांसफॉर्मेशन) तथा
  • डिजिटल स्वास्थ्य (हेल्थ)।
  • कोइता फाउंडेशन डिजिटल हेल्थ पहल के एक हिस्से के रूप में इसने डिजिटल स्वास्थ्य के लिए कोइता केंद्र की स्थापना के लिए भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, मुंबई (आईआईटी बॉम्बे) के साथ भागीदारी की है तथा यह राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण (एनएचए) तथा  अस्पतालों के लिए राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड (एनएबीएच) के साथ डिजिटल स्वास्थ्य पहल के क्षेत्र में  मिलकर काम करता है ।

स्मार्ट इंडिया हैकथॉन

भारत के प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से स्मार्ट इंडिया हैकथॉन 2022 के ग्रैंड फिनाले को संबोधित किया।

स्मार्ट इंडिया हैकथॉन के बारे मे:

  • स्मार्ट इंडिया हैकथॉन (SIH) की शुरुआत वर्ष 2017 में हुई थी।
  • स्मार्ट इंडिया हैकथॉन एक राष्ट्रव्यापी पहल है जो छात्रों को दैनिक जीवन में आने वाली समस्याओं को हल करने के लिये एक मंच प्रदान करती है और इस प्रकार उत्पाद नवाचार पारितंत्र और समस्या-समाधान की दृष्टिकोण का विकास करती है।
  • SIH 2017 से उच्च शिक्षा के छात्रों के लिये हर वर्ष दो प्रारूपों- SIH सॉफ्टवेयर और SIH हार्डवेयर संस्करण में आयोजित किया जाता है।
  • पहले चार संस्करण SIH2017, SIH2018, SIH2019 और SIH2020, विशेष रूप से पूरे भारत के इंजीनियरिंग छात्रों में नवाचार, लीक से हटकर सोचने की क्षमता को बढ़ावा देने में बेहद सफल साबित हुए।
  • स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन शिक्षा मंत्रालय, अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE), पर्सिस्टेंट सिस्टम्स और इंटर इंस्टीट्यूशनल इनक्लूसिव इनोवेशन सेंटर (i4C) की एक पहल है।

लक्ष्य:

इसका उद्देश्य छात्रों में उत्पाद नवाचार, समस्या-समाधान और लीक से हटकर सोचने की संस्कृति को विकसित करना है।

स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन (SIH) 2022:

  • SIH के लिये पंजीकृत टीमों की संख्या पहले संस्करण में लगभग 7,500 से चार गुना बढ़कर चल रहे पाँचवें (2022) संस्करण में लगभग 29,600 हो गई है।
  • SIH 2022 ग्रैंड फिनाले में भाग लेने के लिये 15,000 से अधिक छात्र और संरक्षक 75 नोडल केंद्रों का भ्रमण कर रहे हैं।
  • 2900 से अधिक स्कूलों और 2200 उच्च शिक्षा संस्थानों के छात्र समापन में 53 केंद्रीय मंत्रालयों के 476 समस्यायों से निपटेंगे, जिसमें मंदिर के शिलालेखों की ऑप्टिकल कैरेक्टर रिकॉग्निशन (ओसीआर) और देवनागरी लिपियों में अनुवाद, खराब होने वाले खाद्य पदार्थों के लिये शीत आपूर्ति शृंखला (Cold Supply Chain) एवं आपदा प्रभावित क्षेत्रों में IoT-सक्षम जोखिम निगरानी प्रणाली, बुनियादी ढाँचे और सड़कों की स्थिति का हाई-रिज़ॉल्यूशन 3D मॉडल शामिल है।
  • इस वर्ष स्मार्ट इंडिया हैकाथॉन – जूनियर को स्कूली छात्रों के लिये एक पायलट के रूप में प्रस्तुत किया गया है ताकि स्कूल स्तर पर नवाचार की संस्कृति का निर्माण किया जा सके और समस्या-समाधान दृष्टिकोण विकसित किया जा सके।

आईएनएस विक्रांत

  • आईएनएस विक्रांत एयरक्राफ्ट कैरियर को मेक इन इंडिया के तहत बनाया गया है।
  • यह अब तक का भारत का सबसे बड़ा एयरक्राफ्ट कैरियर शिप है।
  • भारत से पहले सिर्फ पांच देशों ने 40 हजार टन से ज्यादा वजन वाला एयरक्राफ्ट कैरियर (Aircraft Carrier) बनाया है। आईएनएस विक्रांत का वजन 45 हजार टन है।
  • केरल के कोचीन शिपयार्ड पर तैयार किए गए इस विमान वाहक पोत के निर्माण में 20,000 करोड़ रुपये की लागत आई है। इस पोत के आधिकारिक तौर पर शामिल होने से नौसेना की ताकत दोगुनी हो जाएगी।
  • नौसेना के नए डिजाइन में एक सफेद ध्वज है, जिस पर क्षैतिज और लंबवत रूप में लाल रंग की दो पट्टियां हैं। साथ ही, भारत का राष्ट्रीय चिह्न (अशोक स्तंभ) दोनों पट्टियों के मिलन बिंदु पर अंकित है।
  • भारतीय नौसेना ब्रिटिश काल में ही अस्तित्व में आ गई थी। भारतीय नौसेना के वर्तमान ध्वज के ऊपरी बाएं कोने में तिरंगे के साथ सेंट जॉर्ज क्रॉस है।
  • 2 अक्टूबर 1934 को नेवी सेवा का नाम बदलकर रॉयल इंडियन नेवी किया गया था। 26 जनवरी 1950 को भारत के गणतंत्र बनने के साथ रॉयल को हटा दिया गया और इसे भारतीय नौसेना का नाम दिया गया। हालांकि, ब्रिटेन के औपनिवेशिक झंडे को नहीं हटाया गया। अब पीएम मोदी भारतीय नौसेना को नया ध्वज देंगे।
  • फरवरी 2009 में निर्माण की हुई थी शुरुआत। पहली बार विक्रांत को अगस्त 2013 में पानी में उतारा गया।
  • इस एयरक्राफ्ट कैरियर का बेसिन ट्रायल नवंबर 2020 में शुरू हुआ। इसके बाद जुलाई 2022 में इसका समुद्री ट्रायल पूरा हुआ। ट्रायल पूरा होने के बाद जुलाई 2022 में कोचीन शिपयार्ड ने इसे नौसेना को सौंप दिया। इसे बनाने में 20 हजार करोड़ की लागत आई। इस शिप के अलग-अलग पार्ट्स 18 राज्यों में बने हैं। इस एयरक्राफ्ट कैरियर में 76 फीसदी स्वदेशी सामान का उपयोग किया गया है। ये जहाज एक टाउनशिप जितनी बिजली आपूर्ति कर सकता है।

विशेष ग्रेड स्टील का इस्तेमाल

  • इसे बनाने में 21 हजार टन से ज्यादा विशेष ग्रेड स्टील का इस्तेमाल किया गया है।
  • इसमें 2,600 किलोमीटर से ज्यादा इलेक्ट्रिक केबल का भी इस्तेमाल किया गया है।
  • इसके साथ ही 150 किलोमीटर से ज्यादा पाइपलाइन भी उपयोग में लाई गई है।
  • इसकी ऊंचाई 6 मीटर यानी 15 मंजिला इमारत जितनी है। वहीं लंबाई की बात करें तो ये 262.5 मीटर लंबी है।
  • इसमें 1600 क्रू मेंबर आराम से रह सकते हैं। इस जहाज में 2300 कंपार्टमेंट बनाए गए हैं।
  • इस जहाज पर मिग-29 के लड़ाकू विमानों और केए-31 हेलिकॉप्टरों का एक बेड़ा तैनात किया जाएगा। इस शिप से एक साथ 30 विमान संचालित हो सकते हैं। इसकी अधिकतम गति 28 नॉट है।

 

पद्म पुरस्कार-2023 के लिए नामांकन

  • गणतंत्र दिवस, 2023 के अवसर पर घोषित किए जाने वाले पद्म पुरस्कार 2023 के लिए ऑनलाइन नामांकन/अनुशंसा जमा करने की प्रक्रिया 1 मई 2022 से शुरू हो गई है।
  • पद्म पुरस्कारों के लिए नामांकन की अंतिम तिथि 15 सितंबर, 2022 है। पद्म पुरस्कारों के लिए नामांकन/अनुशंसा के आवेदन केवल ऑनलाइन तरीके से राष्ट्रीय पुरस्कार पोर्टल (https://awards.gov.in) पर जमा किये जा सकते हैं।

पद्म पुरस्कार

  • पद्म पुरस्कार, अर्थात् पद्म विभूषण, पद्म भूषण और पद्म श्री, देश के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में से हैं।
  • 1954 में स्थापित, इन पुरस्कारों की घोषणा हर साल गणतंत्र दिवस के अवसर पर की जाती है।
  • ये पुरस्कार कला, साहित्य और शिक्षा, खेल, चिकित्सा, सामाजिक कार्य, विज्ञान और इंजीनियरिंग, सार्वजनिक कार्य, सिविल सेवा, व्यापार और उद्योग आदि क्षेत्रों / विषयों में विशिष्ट और असाधारण उपलब्धियों / सेवा से जुड़े ‘विशिष्ट कार्य’ को मान्यता देते हैं।
  • जाति, व्यवसाय, पद या लिंग के भेद के बिना सभी व्यक्ति इन पुरस्कारों के पात्र होते हैं।
  • डॉक्टरों और वैज्ञानिकों के अलावा, सार्वजनिक उपक्रमों में कार्यरत कर्मचारी समेत सभी सरकारी कर्मचारी पद्म पुरस्कार के लिए पात्र नहीं होते हैं।

 

चाबहार बंदरगाह

  • ईरान का चाबहार बंदरगाह कुछ समय से चर्चा का केंद्र बना हुआ है। ऐसा इसलिए है कि भारत और ईरान ने चाबहार बंदरगाह के लिए एक एमओयू पर हस्ताक्षर किये हैं। इस एमओयू पर हस्ताक्षर कर दोनों देशों ने रणनीतिक रूप से चाबहार बंदरगाह के बुनियदी ढांचे को बढावा देने के लिए ये कदम उठाया है।
  • इसमें पश्चिम एशियाई देशों के साथ समुद्री साझेदारी का विस्तार करते हुए और समुद्री यात्रियों की असीमित यात्राओं के लिए अचार संहिता की मान्यता पर भारत और ईरान ने एक समझौते पर हस्ताक्षर किए।
  • इस एमओयू पर हस्ताक्षर बंदरगाहों, नौवहन और जलमार्गों और आयुष मंत्री सरबनादा सोनोवाल की ईरान यात्रा के दौरान हुआ। इसके परिणाणस्वरूप ईरानी नाविकों का प्रशिक्षण अभ्यास भारत में होगा। इससे पहले भी कई बार चाबहार बंदरगाह चर्चा का केंद्र बना रहा है।

चाबहार बंदरगाह के बारे मे:   

  • चाबहार बंदरगाह दक्षिणपूर्वी ईरान में ओमान की खाड़ी में स्थित है।
  • यह एकमात्र ईरानी बंदरगाह है जिसकी समुद्र तक सीधी पहुँच है।
  • यह ऊर्जा संपन्न ईरान के दक्षिणी तट पर सिस्तान-बलूचिस्तान प्रांत में स्थित है।
  • चाबहार बंदरगाह को मध्य एशियाई देशों के साथ भारत, ईरान और अफगानिस्तान द्वारा व्यापार के सुनहरे अवसरों का प्रवेश द्वार माना जाता है।

बंदरगाह का महत्त्व:

  • चाबहार बंदरगाह सभी को वैकल्पिक आपूर्ति मार्ग का विकल्प प्रदान करता है, इस प्रकार व्यापार के संबंध में पाकिस्तान के महत्त्व को कम करता है।
  • यह भारत को समुद्री-भूमि मार्ग का उपयोग करके अफगानिस्तान में माल के परिवहन में पाकिस्तान को बायपास करने का मार्ग प्रशस्त करेगा।
  • वर्तमान में पाकिस्तान, भारत को अपने क्षेत्र से अफगानिस्तान तक यातायात की अनुमति नहीं देता है।
  • यह अंतर्राष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे को गति प्रदान करेगा, जिसमें दोनों रूस के साथ प्रारंभिक हस्ताक्षरकर्त्ता हैं।
  • ईरान इस परियोजना का प्रमुख प्रवेश द्वार है।
  • यह अरब में चीनी उपस्थिति का मुकाबला करेगा।

पेगासस

सुप्रीम कोर्ट की तीन-न्यायाधीशों की बेंच ने गुरुवार को कहा कि अदालत द्वारा नियुक्त पेगासस तकनीकी समिति ने बताया है कि जिन 29 फोनों की जांच की गई, उनमें से पांच “कुछ मैलवेयर” से संक्रमित पाए गए, लेकिन इसका मतलब यह नहीं था कि यह स्पाइवेयर था।

पेगासस क्या है?

  • यह एक प्रकार का दुर्भावनापूर्ण सॉफ़्टवेयर या मैलवेयर है जिसे स्पाइवेयर के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
  • स्पाइवेयर कोई भी दुर्भावनापूर्ण सॉफ़्टवेयर है जिसे आपके कंप्यूटर डिवाइस में प्रवेश करने, आपका डेटा एकत्र करने और आपकी सहमति के बिना इसे किसी तीसरे पक्ष को अग्रेषित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
  • पेगासस एक इजरायली फर्म, एनएसओ ग्रुप द्वारा विकसित एक स्पाइवेयर है, जो स्मार्टफोन – एंड्रॉइड और आईओएस में घुसपैठ करता है और उन्हें निगरानी उपकरणों में बदल देता है।
  • पेगासस एक शोषण लिंक भेजकर काम करता है, और यदि लक्षित उपयोगकर्ता लिंक पर क्लिक करता है, तो उपयोगकर्ता के फोन पर मैलवेयर या निगरानी की अनुमति देने वाला कोड इंस्टॉल हो जाता है।
  • एक बार पेगासस स्थापित हो जाने के बाद, हमलावर के पास लक्षित उपयोगकर्ता के फोन तक पूरी पहुंच होती है।
  • पेगासस को इज़राइली फर्म एनएसओ ग्रुप द्वारा विकसित किया गया है जिसे 2010 में स्थापित किया गया था।
  • पेगासस के सबसे पुराने संस्करण की खोज की गई, जिसे 2016 में शोधकर्ताओं द्वारा कैप्चर किया गया था, जिसे स्पीयर-फ़िशिंग कहा जाता है – टेक्स्ट संदेश या ईमेल के माध्यम से संक्रमित फोन जो एक दुर्भावनापूर्ण लिंक पर क्लिक करने के लिए एक लक्ष्य को धोखा देते हैं।
  • तब से, हालांकि, NSO की आक्रमण क्षमताएं और अधिक उन्नत हो गई हैं। तथाकथित “शून्य-क्लिक” हमलों के माध्यम से पेगासस संक्रमण प्राप्त किया जा सकता है , जिसे सफल होने के लिए फोन के मालिक से किसी भी बातचीत की आवश्यकता नहीं होती है
  • एनएसओ ग्रुप ने पुष्टि की है कि वह केवल सरकारों को सॉफ्टवेयर बेचता है।

लक्ष्य

  • दुनिया भर के मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और वकीलों को एक इजरायली निगरानी फर्म द्वारा सत्तावादी सरकारों को बेचे जाने वाले फोन मैलवेयर से निशाना बनाया गया है।
  • भारतीय मंत्री, सरकारी अधिकारी और विपक्षी नेता भी उन लोगों की सूची में शामिल हैं जिनके फोन स्पाइवेयर द्वारा छेड़छाड़ किए गए हो सकते हैं।
  • 2019 में, व्हाट्सएप ने इजरायल के एनएसओ ग्रुप के खिलाफ अमेरिकी अदालत में एक मुकदमा दायर किया , जिसमें आरोप लगाया गया था कि फर्म मोबाइल उपकरणों को दुर्भावनापूर्ण सॉफ़्टवेयर से संक्रमित करके एप्लिकेशन पर साइबर हमलों को शामिल कर रही है।

पेगासस द्वारा निर्मित दोष

  • गोपनीयता भंग: एक निगरानी प्रणाली का अस्तित्व, चाहे वह कानून के प्रावधान के तहत हो या इसके बिना, अनुच्छेद 21 के तहत निजता के अधिकार और अनुच्छेद 19 के तहत मुक्त भाषण के अभ्यास को प्रभावित करता है।
  • असहमति पर अंकुश: यह असंतुष्टों और विरोधियों के खिलाफ हैकिंग सॉफ्टवेयर के उपयोग के संबंध में एक परेशान करने वाली प्रवृत्ति को दर्शाता है। 2019 में भी, एचआर और दलित कार्यकर्ताओं को हैक करने के लिए पेगासस सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल किया गया था।
  • व्यक्तिगत सुरक्षा: गोपनीयता के अभाव में, पत्रकारों की सुरक्षा, विशेष रूप से जिनके काम से सरकार की आलोचना होती है, और उनके स्रोतों की व्यक्तिगत सुरक्षा खतरे में पड़ जाती है।
  • सेल्फ-सेंसरशिप: जासूसी को लेकर लगातार डर लोगों को जकड़ सकता है। यह ऐसे विचारों को व्यक्त करने, प्राप्त करने और चर्चा करने की उनकी क्षमता को प्रभावित कर सकता है।
  • राज्य-प्रायोजित जन निगरानी: एआई के साथ मिलकर स्पाइवेयर उपयोगकर्ताओं के स्मार्टफोन में डिजिटल सामग्री में हेरफेर कर सकता है। यह बदले में दूर के नियंत्रकों द्वारा उनकी राय का ध्रुवीकरण कर सकता है।
  • राष्ट्रीय सुरक्षा: संभावित दुरुपयोग या प्रसार, यदि अधिक नहीं, तो उन्नत परमाणु प्रौद्योगिकी के गलत हाथों में पड़ने के समान प्रभाव हैं।

भारत में जासूसी: एक वैधता जांच

पेगासस जैसे स्पाइवेयर को कानूनी रूप से इस्तेमाल करने के लिए, सरकार को आईटी अधिनियम और टेलीग्राफ अधिनियम दोनों को लागू करना होगा। भारत में संचार निगरानी मुख्य रूप से दो कानूनों के तहत होती है:

  • टेलीग्राफ एक्ट, 1885: यह कॉल इंटरसेप्शन से संबंधित है।
  • सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000: 1996 में सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप के बाद, सभी इलेक्ट्रॉनिक संचार की निगरानी से निपटने के लिए इसे अधिनियमित किया गया था।

भारत में साइबर सुरक्षा सुरक्षा उपाय

  • राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा नीति: भारत के नागरिकों और व्यवसायों के लिए सुरक्षित और लचीला साइबर स्पेस बनाने के लिए 2013 में नीति विकसित की गई थी।
  • कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पांस टीम (सीईआरटी-इन): सीईआरटी-इन साइबर सुरक्षा मुद्दों और उल्लंघनों पर विश्लेषण, पूर्वानुमान और अलर्ट सहित घटना प्रतिक्रियाओं के लिए जिम्मेदार है।
  • भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र (I4C): केंद्र सरकार ने देश में साइबर अपराध से संबंधित मुद्दों को व्यापक और समन्वित तरीके से संभालने के लिए I4C की स्थापना के लिए एक योजना शुरू की है।
  • बुडापेस्ट कन्वेंशन: साइबर क्राइम पर बुडापेस्ट कन्वेंशन भी मौजूद है। हालाँकि, भारत इस सम्मेलन का हस्ताक्षरकर्ता नहीं है।

मुद्दे पर एनएसओ का स्टैंड

  • NSO ने कहा है कि वह अपनी तकनीकों को केवल कानून प्रवर्तन और सरकारों की खुफिया एजेंसियों को अपराध और आतंकी कृत्यों को रोकने के माध्यम से लोगों की जान बचाने के उद्देश्य से बेचता है।
  • समूह ने कहा, यह सिस्टम को संचालित नहीं करता है और डेटा की कोई दृश्यता नहीं है।
  • कंपनी की वेबसाइट के अनुसार, एनएसओ उत्पादों का उपयोग विशेष रूप से सरकारी खुफिया और कानून प्रवर्तन एजेंसियों द्वारा अपराध और आतंक से लड़ने के लिए किया जाता है।

विश्व नारियल दिवस

  • एशियाई एवं पैसफिक क्षेत्र के सभी नारियल उत्पाादक देश इंटरनेशनल कोकनट कम्युनिटी (आईसीसी) के स्थाापना दिवस यानी 2 सितंबर को हर वर्ष विश्व नारियल दिवस मनाते हैं।
  • आईसीसी एक अंतर शासकीय संगठन है।
  • नारियल दिवस मनाने का उद्देश्य नारियल के प्रति जागरूकता बढ़ाना और अहमियत उजागर करना तथा इस फसल की ओर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय ध्यान आकर्षित करना है। इस मौके पर कोच्चि में अंतरराष्ट्रीय कार्यशाला भी होगी।

 

 

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